संविधान का निर्माण

भारतीय संविधान का निर्माण

भारत में संविधान का निर्माण संविधान सभा के द्वारा किया गया था भारत में सर्वप्रथम 1895 में बाल गंगाधर तिलक के द्वारा स्वराज्य विधायक के माध्यम से संविधान के निर्माण की मांग की गई|

1922 में महात्मा गांधी ने कहा कि भारत का संविधान भारत की इच्छा के अनुसार होगा|

1928 में मोतीलाल नेहरू के द्वारा नेहरू रिपोर्ट के माध्यम से संविधान निर्माण का प्रयास किया परंतु उनका प्रयास असफल हो गया था|

1934 में मानवेंद्र नाथ रॉय ने औपचारिक रूप से सर्वप्रथम संविधान सभा के माध्यम से संविधान निर्माण की मांग की स्वराज पार्टी के प्रथम ऐसा राजनीतिक दल है जिसके द्वारा संविधान सभा के माध्यम से संविधान निर्माण की मांग की गई तथा उसका समर्थन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के द्वारा किया गया|

1938 में जवाहरलाल नेहरू के द्वारा वयस्क मताधिकार के आधार पर संविधान सभा के गठन की मांग की गई अगस्त 1940 में ब्रिटिश सांसद के द्वारा भारत के संविधान निर्माण की मांग को की गई|

1942 के क्रिप्स मिशन में ब्रिटिश शासन के द्वारा भारतीयों के संविधान निर्माण की मांग को पूर्ण स्वीकृति प्रदान की गई अथॉरिटी शासन के अनुसार युद्ध के पश्चात भारतीय जनता वयस्क मताधिकार के आधार पर संविधान सभा का गठन करेगी तथा संविधान सभा भारत के संविधान का निर्माण किया गया 1946 के कैबिनेट मिशन योजना के अंतर्गत भारतीय संविधान सभा का गठन किया गया तथा संविधान सभा ने भारत के संविधान का निर्माण किया गया

कैबिनेट मिशन तथा संविधान सभा

24 मार्च 1946 को कैबिनेट मिशन भारत आया तथा जिसका मुख्य उद्देश्य संविधान सभा का गठन करना तथा भारतीयों को उदित शांतिपूर्ण ढंग से सत्ता का हस्तांतरण करना है कैबिनेट मिशन के तीन सदस्य थे लॉर्ड पैथिक लोरेंस सर अलेक्जेंडर और क्लिप्स

कैबिनेट मिशन के द्वारा संविधान सभा को लेकर निम्न बातें निर्धारित की गई थी संविधान सभा का गठन भारतीय जनता के द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से प्रांतीय विधानसभाओं के माध्यम से किया गया है

संविधान सभा में कुल सदस्यों की संख्या 389  भी होगी जिनमें से 293 ब्रिटिश प्रांतों से देसी रियासतों से तथा चीफ कमिश्नर छात्रों से थी कैबिनेट मिशन योजना के अनुसार विधानसभा का एक सदस्य 10 लाख की जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करेगा तथा जनसंख्या को साधारण मुस्लिम तथा सिख में विभाजित किया जाएगा कैबिनेट मिशन योजना के अनुसार देसी रियासतों के प्रतिनिधि संविधान सभा में मनोनीत होंगे

26 नवंबर 1949 को संविधान सभा के द्वारा भारत के संविधान का निर्माण किया गया तथा इस दिन संविधान सभा के 284 सदस्यों ने भारतीय संविधान पर हस्ताक्षर किए

संविधान सभा की कार्यप्रणाली संविधान सभा के द्वारा अपनी समस्त कार्य प्रणाली का संपादन 12 अधिवेशन तथा 165 बैठकों के माध्यम से संपन्न किया गया था

प्रथम बैठक -9 दिसंबर 1946

फ्रांस की तरह भारतीय संविधान सभा के सबसे वरिष्ठ सदस्य डॉ सच्चिदानंद सेना को संविधान सभा का स्थाई सभापति निर्वाचित किया गया आचार्य कृपलानी के द्वारा इनके नाम का प्रस्ताव रखा गया एवं इसलिए आचार्य कृपलानी को प्रथम वक्ता की संज्ञा भी प्रदान की गई संविधान सभा की प्रथम बैठक में संविधान सभा के कुल 211 सदस्य ने भागीदारी निभाई।

दूसरी बैठक – 11 दिसंबर 1946

डॉ राजेंद्र प्रसाद को संविधान सभा का स्थाई अध्यक्ष निर्वाचित किया गया आचार्य कृपलानी के द्वारा उनके नाम का प्रस्ताव रखा गया तथा सरदार पटेल ने समर्थन किया।

तीसरी बैठक -13 दिसंबर 1996

जवाहरलाल नेहरु के द्वारा उद्देश्य प्रस्ताव रखा गया जिसे संविधान सभा के द्वारा 22 जनवरी 1947 को स्वीकार किया गया यह प्रस्ताव वर्तमान भारतीय संविधान में प्रस्तावना के रूप में कार्य कर रही है जिससे संविधान निर्माताओं को विचारों तथा आदर्शों की अभिव्यक्ति होती है।

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