राजस्थान की प्रमुख मीठ पानी की झीले | Lakes of Rajasthan | Rajasthan GK

राजस्थान की प्रमुख मीठे पानी की झीले (Lakes of Rajasthan)

 

कोलायत झील

यह झील प्राकृतिक झील है जहां कपिल मुनि का मेला प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा को भरता है। यह राष्ट्रीय राजमार्ग 15 पर स्थित है। जो शुष्क मरुस्थल का सुंदर उद्यान के नाम से जाना जाता है। इस झील को पानी का शुद्ध दर्पण कहा जाता है| यह बीकानेर में स्थित है।

बालसमंद झील

यह झील जोधपुर मंडोर मार्ग पर स्थित है। इसका निर्माण प्रतिहार शासक बालकराम ने करवाया था| इस झील का निर्माण 1159 में कराया था।

सिलीसेढ़ झील

यह दिल्ली से जयपुर तक राष्ट्रीय राजमार्ग 8 पर स्थित है। इसका निर्माण विनय सिंह ने रानी शीला हेतु करवाया था। जिसे राजस्थान का नंदनकानन कहा जाता है। वर्तमान में इसे होटल लेक पैलेस में तब्दील दिया गया है।

मोतीझील

रूपारेल ने इस नदी के जल को रोककर झील का निर्माण करवाया गया। इसे भरतपुर की लाइफ लाइन तथा जीवन रेखा के नाम से जाना जाता है। इस झील में प्राप्त नील हरित शैवाल प्राप्त होती है।

कायलाना झील

इस झील का निर्माण वर्तमान में सर प्रताप ने किया था। यह झील जोधपुर शहर में स्थित है। इस झील के किनारे माचिया सफारी पार्क स्थित है। हिंडोली का तालाब राजस्थान के जोधपुर में स्थित है।

उदयसागर झील

यह राजस्थान के उदयपुर में स्थित है। इस झील का निर्माण जय सिंह ने देवरी गांव में करवाया था। अतः इसे देवाली तालाब भी कहा जाता है। झील के किनारे एक टापू पर नेहरू उद्यान स्थित है। इसके पास मोती मगरी में प्रताप का स्मारक सहेलियों की बाड़ी तथा सौर वेधशाला की स्थापना की गई है। इसीलिए किनारे नटनी का चबूतरा स्थित है।

जयसमंद झील

यह झील भारत की दूसरी तथा राजस्थान की सबसे बड़ी कृत्रिम झील है। इसका प्राचीन नाम टेबर हैयह अन्तः प्रवाह की झील है। इसका निर्माण जयसिंह ने गोमती नदी पर बांध बनाकर करवाया था। इसमें गोमती  नदियों का जल गिरता है। जिनमें से बड़े टापू को बाबा का भांगड़ा तथा छोटे टापू को प्यारी कहा जाता है तथा एक टापू बाबा का मगरा पर आइसलैंड रिसोर्ट नमक होटल है इसमें दो नहर श्यामपुरा है।

पुष्कर झील

इस झील को सर्वप्रथम पुष्करणा ब्रामणो के द्वारा मोदी जाने के कारण इसका नाम पुष्कर झील पढ़ा गया। मराठा सरदार के द्वारा स्टील का पुनर्निर्माण करवाया गया । यह झील एनएच को 90 पर स्थित है। स्टील के किनारे पर ब्रह्मा जी का मंदिर स्थित है। इसका वर्तमान स्वरूप को कुछ पारीक ने करवाया था। यह झील राज्य की सबसे बड़ी मीठे पानी की प्रकृतिक झील है।

 

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