Science Notes Class 10th
कोशिका (Cell)
- कोशिका जीवन की सबसे छोटी कार्यात्मक तथा संरचनात्मक इकाई है।
 - कोशिका के अध्ययन को साइटोलॉजी कहलाता है।
 - कोशिका शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग अंग्रेजी वैज्ञानिक रॉबर्ट हुक ने किया था।
 - सबसे छोटी कोशिका माइकोप्लाजमा है।
 - सबसे लंबी कोशिका तंत्रिका कोशिका है।
 - सबसे बड़ी कोशिका शुतुरमुर्ग के अंडे की कोशिका है।
 - कोशिका सिद्धांत का प्रतिपादन सलिडेन तथा स्वान ने किया था।
 
कोशिका सिद्धांत
- इस सिद्धांत के अनुसार प्रत्येक जीव की उत्पत्ति एक कोशिका से ही होती हैं।
 - प्रत्येक जीव का शरीर एक या अनेक कोशिकाओं का बना होता है।
 - प्रत्येक कोशिका एक स्वाधीन इकाई है तथापि सभी कोशिका मिलकर काम करती है फलस्वरूप एक जीव का निर्माण होता है।
 - कोशिका का निर्माण जिसकी राशि होता है उसमें केंद्र का मुख्य योगदान होता है।
 
कोशिका दो प्रकार के होते हैं
- प्रोकैरियोटिक कोशिका
 - यूकेरियोट कोशिका
 
प्रोकैरियोटिक कोशिका
इन कोशिकाओं में हिस्टोन प्रोटीन नहीं होता है इसका रोमांटिक नहीं बनता है केवल डीएनए का ही सूत्र ही गुणसूत्र के रूप में पड़ा रहता है अन्य कोई आवरण इस गहरे को नहीं रहता है अतः केंद्रक नाम की कोई विकसित कोशिका इसमें नहीं होती है जीवाणु तथा नहीं लड़ी से वालों में ऐसी ही कोशिकाएं पाई जाती है।
यूकैरियोटिक कोशिकाएं इन कोशिकाओं में दूरी जिले के आवरण केंद्र का आवरण से गिरा स्पष्ट केंद्रक पाया जाता है तथा जिसमें डीएनए तथा हिस्टोन प्रोटीन के संयुक्त होने की बनी क्रोमेटिंग तथा इसके अलावा केंद्रीय का होती है।
कोशिका के मुख्य भाग
- कोशिका भित्ति यह केवल पादप कोशिका में ही पाई जाती है।
 - यह सैलूलोज का बना होता है
 - यह कोशिका को निश्चित आकार आकृति को बनाए रखने में सहायता प्रदान करती हैं
 - जीवाणुओं का कोशिका भित्ति पेप्टोन की बनी होती है।
 
कोशिका झिल्ली
- कोशिका के सभी अंगो एक पतली जिले के द्वारा ग इस जिले को कोशिका झिल्ली कहा जाता है
 - यह एक अर्ध पारगम्य झिल्ली होती है
 - इसका मुख्य कार्य कार्य कोशिका के अंदर जाने वाले तथा बहार आने वाले पदार्थों का निर्धारण करना होता है।
 
तारक काय
तारक काय की खोज बाबेरी ने की थी यह केवल जंतु कोशिका में ही पाया जाता है तारक काय के अंदर एक या दो करण जैसी ही रचना होती हैं जिन्हें सेंट्रल कहा जाता है समसूत्री विभाजन में यह धुर्व का निर्माण करता है।
राइबोसोम
- राइबोसोम की खोज सर्वप्रथम ब्राउन ने 1953 ईस्वी में पादप कोशिका में की थी
 - इसकी खोज जंतु कोशिका में सर्वप्रथम पहलाडे ने की थी।
 - यह राइबोसोम प्रोटीन संश्लेषण के लिए उपयुक्त स्थान प्रदान करती है अर्थात यह प्रोटीन का उत्पादक स्थान होती है इसलिए इसे प्रोटीन की फैक्ट्री भी कहा जाता है।
 
माइट्रोकांड्रिया
- इसकी खोज सर्वप्रथम अल्ट मैंने की थी
 - इसका नाम माइट्रोकांड्रिया प्रदान किया था यह कोशिका का सनसनी स्थल है
 - कोशिका में इसकी संख्या निश्चित नहीं होती है उर्जा युक्त कार्बनिक पदार्थों का ऑक्सीकरण माइट्रोकांड्रिया में ही होता है जिन से काफी मात्रा में ऊर्जा प्राप्त होती हैं इसलिए माइटोकॉन्ड्रिया को कोशिका का शक्ति केंद्र ही कहा जाता है इसे कोशिका का इंजन भी कहते हैं।
 
गोल्जीकाय
- इसकी खोज सर्वप्रथम कैमिलो गोल्जी ने की थी
 - यह सूक्ष्म नलिका ओं के समूह तथा थैलियों का बना होता है
 - कोशिका कॉन्प्लेक्स में कोशिका द्वारा संश्लेषित प्रोटीन व अन्य पदार्थों की भूमिकाओं के रूप में पैकिंग की जाती है
 - यह पॉटी का एक अनंत व स्थान पर उस पदार्थ को पहुंचा देती है यदि कोई पदार्थ कोशिका से बाहर स्थापित होता है तो उस पदार्थ वाली पुटिका है उसे कोशिका झिल्ली के माध्यम से बाहर निकलवा देती है
 - इस प्रकार गॉल्जीकाय को हम कोशिका के अणुओं का यातायात प्रबंधक भी कहा जाता है
 - यह कोशिका भित्ति एवं लाइसोसोम का निर्माण भी करती है कोशिका कॉन्प्लेक्स में साधारण सरकार से कार्बोहाइड्रेट का संश्लेषण भी होता है जो राइबोसोम में निर्मित रोटी से मिलकर ग्लाइकोप्रोटीन का निर्माण करती है।